आज हिंदी सिनेमा के जाने-माने गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख़्तर का जन्मदिन है। 17 जनवरी, 1945 को जन्मे जावेद अख़्तर ने अपने शब्दों से लाखों दिलों को छुआ है। उनकी कलम से निकले गीतों ने हिंदी सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
कौन हैं जावेद अख़्तर?
जावेद अख़्तर सिर्फ एक गीतकार ही नहीं, बल्कि एक कवि, पटकथा लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने सलीम खान के साथ मिलकर कई हिट फिल्में दी हैं। उनकी जोड़ी सलीम-जावेद के नाम से मशहूर हुई। उनकी लिखी हुई कुछ बेहतरीन फिल्मों में ‘शोले’, ‘अमर प्रेम’, ‘दीवार’, ‘जंजीर’ आदि शामिल हैं।
कुछ यादगार गीत
- ‘ये शाम मस्तानी’
- ‘तेरी आँखों में नज़रें डाले रखूं’
- ‘हमको तुमसे हो गया है प्यार’
- ‘जब तक है जान’
- ‘लग जा गले से फिर से’
- ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’
- ‘पेड़ों पर आते हैं सेन’
जीवन सफर
जावेद अख़्तर का जन्म एक साहित्यिक परिवार में हुआ था। उनके पिता जान निसार अख़्तर प्रसिद्ध प्रगतिशील कवि और माता सफिया अख़्तर मशहूर उर्दू लेखिका तथा शिक्षिका थीं। उन्होंने मुंबई में संघर्ष के दिनों को गुजारा और आज वह हिंदी सिनेमा के सबसे सफल गीतकारों में से एक हैं।
हिंदी सिनेमा को जावेद अख़्तर ने कई तरह से समृद्ध किया है। उन्होंने अपने गीतों के माध्यम से समाज के विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने प्रेम, नफरत, दोस्ती, देशभक्ति जैसे कई भावनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है
जावेद अख़्तर एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से हिंदी सिनेमा में एक खास जगह बनाई है। उनकी कलम से निकले गीत हमेशा याद किए जाएंगे। आज उनके जन्मदिन पर हम उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं देते हैं।