खपरी निवासी भूपेंद्र टंडन की दलदल में गिरकर हुई थी मौत
कुम्हारी। बुधवार को खपरी मोड़ पर एक मवेशी सड़क किनारे स्थित मुरम खदान के दलदल में गिर गया। स्थानीय लोगों और गोसेवकों ने कड़ी मशक्कत के बाद उसे सुरक्षित निकाला। मुरम खुदाई के बाद बने इस गड्ढे को खुला छोड़ दिया गया है, जिसमें आसपास के घरों से निकलने वाला नाली का पानी भर जाता है। नतीजतन, यह जगह साल भर गंदे, दलदली पानी से भरी रहती है और इसमें जलकुंभी भी उग आई है।

यह जानलेवा दलदल खपरी जाने वाले मुख्य मार्ग वार्ड क्रमांक 04 में स्थित है। इस मार्ग से खपरी के अलावा सब्जी मंडी जाने वाले वाहनों का भी आवागमन होता है। हजारों राहगीर प्रतिदिन इस मार्ग का उपयोग करते हैं। विडंबना यह है कि इस मार्ग पर न तो लाइट की व्यवस्था है और न ही दलदल के पास कोई बैरिकेड या सूचनात्मक बोर्ड लगाया गया है।
यह कोई पहला मामला नहीं है। खपरी निवासी स्वर्गीय भूपेंद्र टंडन की मृत्यु भी इसी दलदल में गिरने के कारण हुई थी। 23 जून, 2024, रविवार की रात जब भूपेंद्र टंडन अपने घर जा रहा था, तो खपरी मोड़ से पहले कुछ कुत्ते उसके पीछे पड़ गए। अंधेरा होने के कारण गाड़ी अनियंत्रित हो गई और वह गाड़ी समेत दलदल में गिर गया, जिससे उसकी जान चली गई।

वार्ड क्रमांक 4 निवासी राजेंद्र निर्मलकर ने बताया कि लाइट की व्यवस्था न होने के कारण यह रास्ता रात में और भी खतरनाक हो जाता है। मोड़ पर ही दलदल होने के कारण यहाँ खतरा और भी बढ़ जाता है। जून माह में खपरी निवासी की इसी दलदल में गिरकर जान जा चुकी है, इसके बावजूद शासन-प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि दुख की बात यह है कि प्रशासन तब तक ध्यान नहीं देता जब तक कोई बड़ी घटना न हो जाए। केडिया जाने वाले मार्ग पर सड़क किनारे खाई में बस गिरने से पहले भी किसी ने ध्यान नहीं दिया था। कई लोगों की मृत्यु के बाद वहाँ बैरिकेड और लाइट की व्यवस्था की गई। ऐसा लगता है मानो यहाँ भी किसी बड़ी घटना के बाद ही प्रशासन की आँखें खुलेंगी।
नवनिर्वाचित वार्ड क्रमांक 04 के पार्षद उमाकांत साहू ने कहा कि यह एक गंभीर समस्या है। पिछले पार्षद-अध्यक्ष ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। जनता ने अब हम पर भरोसा जताया है। शपथ ग्रहण के बाद हमारी प्राथमिकता सबसे पहले वार्ड की समस्याओं का समाधान करना होगा।