रायपुर। शहर में प्रतिबंधित चाइनीज मांझा जानलेवा साबित हो रहा है। गुरुवार को अमलीडीह निवासी 61 वर्षीय होमराज ब्राह्मणकर चाइनीज मांझे की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए। उनका मुंह और अंगूठा बुरी तरह से कट गया है।
होमराज ब्राह्मणकर स्कूटी से रेलवे स्टेशन की ओर जा रहे थे, तभी एक्सप्रेस-वे पर पंडरी क्षेत्र में चाइनीज मांझे में फंसकर घायल हो गए। उन्हें पंडरी जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए आंबेडकर अस्पताल रेफर कर दिया।
यह पहली घटना नहीं है। 19 जनवरी को पचपेड़ी नाके के पास सात वर्षीय पुष्कर साहू का गला चीनी मांझे से कट गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। एक अन्य घटना में, महिला वकील पूर्णशा कौशिक भी पंडरी माल के पास एक्सप्रेस-वे पर चाइनीज मांझे की चपेट में आ गई थीं, जिससे उनका गला और हाथ कट गया था।
शहर में धड़ल्ले से बिक रहे चाइनीज मांझे आए दिन हादसों का कारण बन रहे हैं। प्रतिबंधित होने के बाद भी दुकानों में यह आसानी से मिल रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
चाइनीज मांझे की बिक्री पर रोक
बता दें कि चाइनीज मांझे की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध है। यह मांझा प्लास्टिक से बना होता है और यह पक्षियों और जानवरों के लिए भी खतरनाक होता है। इसके अलावा, यह बिजली के तारों में उलझकर शॉर्ट सर्किट का कारण भी बन सकता है।
प्रशासन की लापरवाही
लोगों का कहना है कि शहर में चाइनीज मांझे की बिक्री पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। दुकानदारों के खिलाफ कोई अभियान नहीं चलाया जा रहा है और न ही मांझे की जब्ती की जा रही है।