प्रेस वार्ता कर दी जानकारी
कुम्हारी। ग्राम पंचायत गोढ़ी के पूर्व पंचायत सचिव महेश कुमार रात्रे को 31.46 लाख रुपये के गबन के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्तगी से शिकायतकर्ताओं में खुशी का माहौल है, लेकिन वे और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे है। शिकायतकर्ता रविशंकर सोनके ने एक प्रेस वार्ता में रात्रे के खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
प्रेस वार्ता में रविशंकर सोनके ने कहा कि यह पैसा ग्राम गोढ़ी में जनता के हित के लिए आया था जिससे गांव का विकास होता, लेकिन महेश रात्रे ने अपने स्वार्थ के लिए राशि का गबन कर लिया। उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग की है कि रात्रे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जाए और शीघ्र ही गबन की गई राशि की वसूली की जाए। उन्होंने इस मामले को उजागर करने में मीडिया के सहयोग के लिए उनका धन्यवाद भी किया।
रविशंकर सोनके ने बताया कि उन्होंने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत लगभग 11 वर्षों की जानकारी प्राप्त करने के बाद यह शिकायत 24 अक्टूबर 2024 को दर्ज की थी। उनकी शिकायत में, महेश कुमार रात्रे ने अपने पद पर रहते हुए विकास कार्यों की राशि का गबन किया। रात्रे ने अपने खुद के नाम पर एम.के. ट्रेडर्स और अपने अधीनस्थ कर्मचारी के नाम पर जे.एस. ट्रेडर्स और जे.एस. हार्डवेयर एंड सैनिटरी जैसे फर्जी ट्रेडर्स बनाकर बिलों का भुगतान किया।
उन्होंने आगे कहा कि, रात्रे ने बार-बार जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया और सहयोग नहीं किया। उन्होंने झूठा बयान दिया कि बिलों पर अंकित मोबाइल नंबर उन्हें उपहार में मिला था। हालांकि, जांच में यह पाया गया कि यह नंबर रात्रे ने एयरटेल कंपनी से लिया था।
जांच दल के अनुसार, रात्रे ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी बिलों के माध्यम से कुल 33,46,711 रुपये का भुगतान किया, जिसमें 6,02,407 रुपये का वैट भी शामिल था। जिला पंचायत दुर्ग ने सभी साक्ष्यों और दस्तावेजों की जाँच के बाद महेश कुमार रात्रे को दोषी पाया। रात्रे पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने और अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार का भी आरोप था। इन सभी अनियमितताओं के कारण उन्हें पंचायत सचिव के पद से बर्खास्त कर दिया गया।
इस प्रेस वार्ता में अनिल रात्रे, अगन खुटेल, रवि सोनके, राजू जांगड़े, राजू विश्वकर्मा, रोशन यादव, कृष्णा डहरिया, दुर्गा विश्वकर्मा, नंदकुमार ठाकुर, आदित्य सोनके, लोकप्रकाश सोनके सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहें।
–वर्जन–
महेश रात्रे पर भ्रष्टाचार एवं राशि गबन को लेकर शिकायत किया गया था जिसमें जिला पंचायत दुर्ग सीईओ द्वारा जांच में आरोप सही पाया गया और उसे बर्खास्त किया गया लेकिन हम चाहते है कि आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। और गबन की गई राशि की वसूली की जाए। आरोपी को जेल भेजा जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके।
:– रविशंकर सोनके